March 26, 2025

असाक्षरों को साक्षर बनाने छत्तीसगढ़ में चलाया जाएगा अभियान…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में असाक्षरों को साक्षर करने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ‘‘उल्लास’’ का संचालन किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 15 वर्ष से अधिक उम्र के शत-प्रतिशत असाक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर परियोजना अनुमोदन बोर्ड द्वारा राज्य में उल्लास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए वार्षिक योजना का अनुमोदन कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय व समग्र शिक्षा के समन्वय से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। कार्यक्रम में अकादमिक सहयोग राज्य साक्षरता केन्द्र द्वारा किया जाएगा। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत के सीईओ को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

2030 तक शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता हासिल करने का है लक्ष्य

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत् विकास लक्ष्य के अनुसार 2030 तक सभी युवा, प्रौढ़, पुरुष एवं महिलाओं को शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता का लक्ष्य हासिल करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य साक्षरता केवल पढ़ना लिखना और अंक ज्ञान में आत्मनिर्भर होना ही नहीं है, बल्कि इससे भी बढ़कर कार्यात्मकता, सशक्तिकरण तथा आगे सीखते रहना है। साक्षरता एक व्यक्ति के लिए बेहतर आजीविका व अवसरों तक पहुंचने के लिए जरूरी है। समुदाय के लिए समाज की एकता व सबके स्वास्थ्य व शिक्षा हेतु जरूरी है। साक्षरता देश के लिए जनतंत्र की मजबूती व आर्थिक तरक्की एवं विकास हेतु जरूरी है।


मनोरंजन व स्थानीय रूचि के अनुसार अन्य विषय में उन्नत सामग्री प्रदान करता है

केन्द्र सरकार की सहायता से संचालित होने वाले इस उल्लास कार्यक्रम में आकांक्षी जिले एवं वामपंथ उग्रवाद प्रभावित जिले, राष्ट्रीय और राज्य औसत से कम साक्षरता दर वाले जिले, 2011 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता दर 60 प्रतिशत से कम दर वाले जिले में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके अलावा ऐसे स्थान जहां अनुसूचितजाति, जनजाति और अल्पसंख्य बहुल आबादी वाले जिले, शैक्षणिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में पहले चरण में 15 से 35 आयु वर्ग के असाक्षरों और उसके बाद 35 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को साक्षर बनाने का काम किया जाएगा।

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत चिन्हांकित स्कूलों में उल्लास साक्षरता केन्द्र (सामाजिक चेतना केन्द्र) स्थापित किया जाएगा। जहां असाक्षरों को 200 घण्टे का अध्यापन कराकर बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान प्रदान कराकर नवसाक्षर बनाया जाएगा। नवसाक्षरों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल विकास, सतत् शिक्षा-शिक्षार्थियों को कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल मनोरंजन एवं स्थानीय रूचि के अनुसार अन्य विषय में उन्नत सामग्री प्रदान करना है।

ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में किया जाएगा संचालित

उल्लास कार्यक्रम स्वयंसेवकों के माध्यम से ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में संचालित किया जाएगा। स्वयंसेवकों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा स्वयंसेवक के रूप में कार्य करने वाले 5वीं कक्षा से ऊपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों के साथ ही एमएड, बीएड, बीएलएड/बीटीसी/जेबीटी आदि पाठ्यक्रमों के शिक्षक, शिक्षा संस्थानों, सामुदायिक भागीदारी के अंतर्गत स्व-सहायता समूह के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त शिक्षक, पंचायत कर्मी आदि का सहयोग लिया जाएगा।

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