विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को दिया गया, विज्ञान रत्न पुरस्कार…
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 प्रदान किए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में आजीवन योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को दिया जाने वाला विज्ञान रत्न पुरस्कार, भारत में आणविक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान के अग्रणी वैज्ञानिक प्रोफेसर गोविंदराजन पद्मनाभन को प्रदान किया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विशिष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को दिए जाने वाले विज्ञान श्री पुरस्कार, 13 वैज्ञानिकों को उनके संबंधित क्षेत्रों में अग्रणी अनुसंधान के लिए प्रदान किए गए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले वैज्ञानिकों को मा न्यता देने के लिए दिया जाने वाला विज्ञान युवा-एसएसबी पुरस्कार, हिंद महासागर के गर्म होने और इसके परिणामों पर अध्ययन के साथ साथ स्वदेशी 5-जी बेस स्टेशन के विकास और क्वांटम यांत्रिकी के संचार और सटीक परीक्षणों के क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए 18 वैज्ञानिकों को दिया गया। विज्ञान टीम पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में अभूतपूर्व अनुसंधान योगदान देने के लिए 3 या अधिक वैज्ञानिकों की एक टीम को दिया जाता है, चंद्रयान -3 की टीम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान -3 लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए दिया गया था।
33 साइंटिस्ट्स को मिले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 22 अगस्त को 33 लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया। ये सेरेमनी राष्ट्रपति भवन में हुई। बायोकेमिस्ट गोविंदाराजन पद्मनाभन को साइंस के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विज्ञान रत्न अवॉर्ड दिया गया। इसके अलावा ISRO की चंद्रयान टीम को विज्ञान टीम अवॉर्ड से नवाजा गया। जिसमें से 18 युवा वैज्ञानिकों को अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ‘विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर’ अवॉर्ड और 13 ‘विज्ञान श्री’ अवॉर्ड शामिल हैं।
‘विज्ञान रत्न’ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया, जबकि ‘विज्ञान श्री’ विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया। सरकार ने पद्म पुरुस्कार की तर्ज पर देश में सभी विज्ञान अवॉर्ड को शुरू करते हुए जनवरी में नेशनल साइंस अवॉर्ड की शुरुआत की थी, जहां अवॉर्ड विजेताओं को एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। पहले के साइंस अवॉर्ड से अलग , नेशनल साइंस अवॉर्ड में कैश नहीं दिया जाता है।
चंद्रयान-3 की टीम को भी किया सम्मानित
आनंदरामकृष्णन सी, उमेश वार्ष्णेय, भीम सिंह, आदिमूर्ति आदि, सैयद वजीह अहमद नकवी, संजय बिहारी और राहुल मुखर्जी विज्ञान श्री पुरस्कार के लिए चुने गए लोगों में शामिल हैं। साइंस युवा अवॉर्ड के लिए रजिस्टर्ड अवॉर्ड विजेताओं में डॉ. बप्पी पॉल, डॉ. अभिलाष, राधाकृष्णन महालक्ष्मी, पूरबी सैकिया, दिगेंद्रनाथ स्वैन, प्रभु राजगोपाल और प्रशांत कुमार शामिल हैं। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के पहले संस्करण में, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को चार श्रेणियों – विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा और विज्ञान टीम में 33 पुरस्कार प्रदान किए गए।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस वर्ष से शुरू होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 के पहले संस्करण को प्रस्तुत करने के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारतीय वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करना है।
टीम चंद्रयान-3, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु : टीम चंद्रयान-3 को विज्ञान टीम श्रेणी के अंतर्गत सम्मानित किया गया है। चंद्रयान-3 निश्चित रूप से देश के लिए विश्व स्तर पर सबसे अधिक दिखाई देने वाली और स्वीकृत वैज्ञानिक उपलब्धि है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिकों की एक टीम के काम के रूप में प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।