PhD होल्डर दादी : कोई भी डिग्री उम्र की मोहताज नही
पढ़ाई का जुनून ऐसा जिसने 93 साल की दादी को आज मशहूर कर दिया। उस्मानिया यूनिवर्सिटी का 83वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया । इस प्रोग्राम में सबसे ज्यादा चर्चा में रेवती थंगावेलु रहीं । रेवती थंगावेलु ने अंग्रेजी व्याकरण, वर्णमाला और शब्द रचना में रिसर्च किया। उन्होंने 93 साल की उम्र में पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली।
आखिर कौन हैं रेवती थंगावेलु?
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की रहने वाली है रेवती थंगावेलु । एक शिक्षक के रूप में काम किया और 1990 में सेवानिवृत्त हुईं । वह रिटायरमेंट के बाद यहां रुकना नहीं चाहती थीं और अपनी पढ़ाई लगातार जारी रखी। और वर्तमान में, रेवती थंगावेलु सिकंदराबाद में कीज़ एजुकेशनल सोसाइटी में काम कर रही हैं । वह अंग्रेजी में पीएचडी करना चाहती थी । उन्हें उस्मानिया यूनिवर्सिटी में ही दाखिला लिया । और रेवती थंगावेलु ने अंग्रेजी व्याकरण, वर्णमाला और शब्द रचना जैसे विषयों पर शोध किया है।इस प्रकार अपनी पीएचडी की डिग्री सफलतापूर्वक प्राप्त कर ली। रेवती थंगावेलु ने हाल ही में आयोजित उस्मानिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन डिग्री समारोह में अपनी पीएचडी की डिग्री प्राप्त की ।
1024 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गईं
उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने अपने 83वें दीक्षांत समारोह में 1,024 पीएचडी की डिग्रियां प्रदान किया । जो एक शैक्षणिक वर्ष में देश के किसी भी यूनिवर्सिटी द्वारा सबसे अधिक है । साथ ही पूर्व छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने में 58 छात्रों को स्वर्ण पदक विजेता प्रतिष्ठित शैक्षणिक समुदाय में शामिल हुए । जिसमे राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन, विश्वविद्यालय के चांसलर और एडोब के अध्यक्ष और सीईओ शांतनु नारायण, टैगोर सभागार में दीक्षांत समारोह में उपस्थित थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि शांतनु नारायण को विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।
अगर लक्ष्य को पाना है तो हौसले बुलंद होंने चाहिए।और इस बात को सच कर दिखाया है तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की रहने वाली 93 वर्षीय एक दादी रेवती थंगावेलु ने ।इस प्रकार से रेवती थंगावेलु ने इस उम्र में PhD की डिग्री हासिल कर बता दिया की उम्र महज एक नंबर मात्र हैं ।