May 19, 2025

शिक्षा और तकनीक के संगम का साक्षी बना श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी का TEDRDM-2025

0
ee15207d-561e-4199-8fef-196de609a5cb

रायपुर। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी ने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के तत्वावधान में “अनुसंधान डेटा प्रबंधन के तकनीकी और नैतिक आयाम: डिजिटल फ्रंटियर को नेविगेट करना (TEDRDM-2025)” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। यह कार्यक्रम राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन (RRRLF), कोलकाता द्वारा प्रायोजित था और इसमें शैक्षणिक और अनुसंधान समुदाय की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें उद्घाटन के दिन दो तकनीकी सत्रों में 70 से अधिक पंजीकरण और 18 पेपर प्रस्तुतियां हुईं।

सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी ,रायपुर के पूर्व कुलपति प्रो. एस.के. पांडे द्वारा किया गया, जिन्होंने आधुनिक शोध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे डिजिटल उपकरणों के एकीकरण ने शोध प्रक्रिया में क्रांति ला दी है, और विद्वानों से इन प्रगति के नैतिकतापूर्ण अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।


यूनिवर्सिटी के प्रतिकुलाधिपति एस.एस. बजाज ने स्वागत भाषण में आयोजकों की प्रसंसा करते हुए उन्होंने आधुनिक डेटा विश्लेषण और शोध प्रथाओं का अनुसमर्थन करने के लिए पारंपरिक पुस्तकालयों से डिजिटल रिपॉजिटरी में संक्रमण के महत्व को रेखांकित किया।

अपने भाषण में, डीन अकादमिक प्रो. आर.आर.एल. बिराली ने डेटा प्रबंधन में नैतिक मानकों को बनाए रखते हुए तकनीकी प्रगति का दोहन करने की दोहरी आवश्यकता पर जोर दिया। निश्चय ही यह सम्मेलन शोधकर्ताओं के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल वर्कफ़्लो के बढ़ते प्रभाव का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।

 

प्रो. विजय के. गोयल, अध्यक्ष, सीजीपीयूआरसी ने नीति निर्माण में प्राथमिक और द्वितीयक दोनों डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से बताया, और शोध डेटा और नीति विकास के बीच जटिल संबंधों पर प्रकाश डाला। प्रतिष्ठित वक्ताओं में, प्रो. राजीव चौधरी, खेल निदेशक, पं. आरएसयू ने भविष्य में होने वाले अध्ययन और सर्वेक्षण में डेटा की प्रासंगिकता पर बात की।

भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय और आरआरआरएलएफ के महानिदेशक प्रो ए.पी. सिंह द्वारा विशिष्ट सम्मानित अतिथि के रूप में आरआरआरएलएफ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों पर चर्चा की, मजबूत सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणालियों की आवश्यकता पर बल दिया और ज्ञान-संचालित समाज को आकार देने में छात्रों की मूलभूत भूमिका की पुष्टि की।

सम्मेलन के संयोजक डॉ अभय मौर्य ने राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. सौरभ कुमार शर्मा ने धन्यवाद् ज्ञापित किया। इस अवसर पर कला संकाय के डीन प्रो मनीष कुमार पाण्डेय  तथा  पुस्तकालयाध्यक्ष श्री सचिन दीवान के साथ सम्पूर्ण कला संकाय के सम्मानित सदस्य उपस्थित थे।

सम्मेलन ने शोध डेटा प्रबंधन में व्यावहारिक चुनौतियों के साथ अकादमिक चर्चा को सफलतापूर्वक जोड़ा, जिससे डिजिटल युग में विद्वानों के सहयोग के लिए एक नया मानदंड स्थापित हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इन्हें भी पढ़े